– 25 अक्टूबर 2025
ज्येष्ठ अभिनेता सतीश शाह ने आज, 25 अक्टूबर 2025 को अंतिम सांस ली। वह 74 वर्ष के थे। लंबे समय से किडनी सम्बंधी स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे शाह को अंततः किडनी फेल्योर ने हार दिलाई। The Times of India+2Navbharat Times+2
इसके साथ ही हिन्दी फिल्म-टीवी जगत ने एक ऐसे कलाकार को खो दिया है, जिसने अपनी व्यंग्यात्मक प्रतिभा, बदलती भूमिकाओं और सहज अभिनेय शैली के माध्यम से अनेक घरों में यादगार बना दिया था।
प्रारंभिक परिचय
सतीश शाह का जन्म 25 जून 1951 को मुंबई में हुआ था। Wikipedia+1 उन्होंने 1970 के दशक से अभिनय की यात्रा शुरू की और फिल्म-टीवी दोनों क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई। “साराभाई वर्सेस साराभाई” जैसे लोकप्रिय टीवी शो से लेकर “जाने भी दो यारों” जैसी कल्ट फिल्मों तक, उनका करिअर विविध एवं लंबा रहा। Wikipedia+1
लंबी एवं विविध भूमिका-यात्रा
कॉमेडी से बढ़ कर
सतीश शाह को मुख्यता हास्य कलाकार के रूप में देखा गया, लेकिन उनकी प्रतिभा केवल कॉमेडी तक सीमित नहीं थी। उन्होंने विविध काल्पनिक और चरित्र-भूमिकाएँ निभाई। उदाहरण के लिए, उन्होंने टीवी सीरियल “यही जो है जिंदगी” में 55 अलग-अलग पात्र निभाए थे। Wikipedia+1
सिल्वर स्क्रीन पर प्रभाव
उनकी सबसे चर्चित फिल्मों में शामिल हैं “जाने भी दो यारों” (1983), “मैं हूँ न” (2004), “कल हो ना हो” (2003) और “ओम शांति ओम” (2007) आदि। Wikipedia+1
टीवी पर “साराभाई वर्सेस साराभाई” में इंद्रवर्धन साराभाई के रूप में उन्होंने एक ऐसा किरदार निभाया जिसे दर्शक आज भी याद करते हैं। The Economic Times+1
दूरदर्शन से आधुनिक प्लेटफॉर्म तक
उनका करिअर 1970-80 के जमाने से शुरू हुआ, और उन्होंने समय-समय पर नए प्रयोग किए। जैसे कि उन्होंने 2008 में “Comedy Circus” में जज की भूमिका भी निभाई थी। The Indian Express+1
निधन के हालात और कारण
अभिनेता शाह लंबे समय से किडनी की बीमारी से ग्रस्त थे। हाल ही में उन्हें किडनी ट्रांसप्लांट भी हुआ था। Navbharat Times+1
25 अक्टूबर को मुंबई में उनका निधन हुआ। उनके निधन की पुष्टि फिल्म-टीवी हस्ती अशोक पंडित द्वारा की गई तथा उनके निजी सहायक ने भी बयान जारी किया। The Times of India
प्रोफेशनल प्रतिष्ठा और योगदान
सतीश शाह ने भारतीय मनोरंजन जगत में एक लम्बे समय तक अपनी छाप छोड़ी।
- उन्होंने अभिनय के माध्यम से हास्य और चरित्र-कला दोनों में अपनी लंबी पैठ बनाई। Maharashtra Times
- उनकी टाइमिंग, संवाद-वितरण शैली और सहजता को同行 तथा अभिजात वर्ग ने सराहा।
- उन्होंने टीवी-और-फिल्म दोनों माध्यमों में काम किया, जिससे उनकी पहुँच और प्रभाव व्यापक हुआ।
- कलाकारों तथा प्रोडक्शन टीमों के बीच वे अपनी मित्रता, विनम्रता और पेशेवर रवैये के लिए जाने जाते थे।
प्रतिक्रिया-लहर और श्रद्धांजलि
उनके निधन की खबर मिलते ही सोशल मीडिया, फिल्म-टीवी जगत एवं मीडिया में शोक-मंच प्रारंभ हो गए। सह-कलाकारों, निर्देशकों एवं प्रशंसकों द्वारा श्रद्धांजलि व्यक्त की गई।
“उनका जाना एक युग का अंत है” जैसे भावनाएँ अब सार्वजनिक हो रही हैं।
विरासत और स्मृति
सतीश शाह ने जिस अंदाज़ में सोशल-एंटरटेनमेंट को घरेलू रूप दिया, वह आने वाले वर्षों में भी याद किया जाएगा।
- उनकी प्रसिद्ध भूमिका “इंद्रवर्धन साराभाई” आज भी एक आदर्श “साइड-हीरो” से “एक्सपर्ट सेटरफल” तक के सफर को दर्शाती है।
- हर-उम्र के दर्शकों द्वारा उनकी कला को स्वीकार किया गया; बच्चों से बुजुर्गों तक उनकी कॉमेडी-छवि प्रिय रही।
- उनकी यात्राएँ, संघर्ष, छोटे-मोटे किरदारों से बड़े प्लेटफॉर्म तक का सफर, नए कलाकारों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हैं।
अंतिम शब्द
आज हम एक ऐसे चेहरे को याद कर रहे हैं जिसने हमारी स्क्रीन पर हँसी, हल्के-फुल्के dialogues और सहजता के माध्यम से ‘मनोरंजन’ को परिभाषित किया। सतीश शाह का जाना निश्चित रूप से खालीपन छोड़ गया है, लेकिन उनकी यादें और अभिनय हमेशा जीवित रहेंगी।
ताज़ा समाचार सतीश शाह के निधन पर


Veteran actor Satish Shah passes away due to kidney failure at 74




Satish Shah’s life on and off the camera: The man behind Indravadhan Sarabhai’s timeless wit
Author: Gaurav Yadav
Gaurav Yadav is a digital news writer covering day-to-day updates, trends, and real-time developments with accuracy and journalistic integrity.


